आधार नम्बर्स से लगभग सभी परिचित हैं I ये हैं भी बड़े काम की चीज़ I ...खैर भारत में आधार नम्बर एक व्यक्तिको किस आधार पर दिया जाता है..... बहुत कम लोग जानते होंगे I ......सामान्य धारणा है कि आधार नम्बर्स... नागरिक होने के नाते दिया जाते हैं जो सही नहीं है I ...... जो भी हो .... सबसे पहले तो यह जानना आवश्यक है कि आधार नम्बर्स के लिए THE AADHAAR (TARGETED DELIVERY OF FINANCIAL AND OTHER SUBSIDIES, BENEFITS AND SERVICES) ACT, 2016 पास किया गया है... इसी के अंतर्गत नियुक्त ऑथोरिटीज़ द्वारा व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन कर आधार नम्बर्स दिए जाते हैं जिसे अधिनियम में आधार नम्बर्स होल्डर कहा गया है I ... धारा २ बी के अनुसार "आधार नम्बर्स होल्डर" से तात्पर्य उस व्यक्ति से है जिसे इस अधिनियम के अंतर्गत आधार नम्बर्स दिए गए हैं I यहाँ व्यक्ति शब्द का प्रयोग हुआ है न कि नागरिक ....अतः स्पष्ट है कि भारत में आधार के लिए नागरिक होना आवश्यक नहीं है I ..........आधार के लिए भारत का रेज़ीडेंट होना ज़रूरी है ...... धारा २ वी के अनुसार रेज़ीडेंट से तात्पर्य उस व्यक्ति है जो आधार के एनरोलमेंट की तारीख से कुल मिलाकर १८२ दिन कम से कम या बारह महीनों से ज़्यादा समय से भारत में रह रहा हो I ...... अतः आधार के लिए मात्र रेज़ीडेंट होना ही एक मात्र 'आधार' की योग्यता है I ..... अधिनियम की धारा ३ आधार को एक अधिकार के रूप में प्रतिस्थापित करती है ..... इसमें प्रत्येक रेज़ीडेंट के लिए entitled शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ हक़दार होता है I अतः उक्त प्रावधानों के अध्ययन से स्पष्ट हो जाता है कि आधार..... भारत के नागरिक होने के बजाय यह आपके मात्र रेज़ीडेंट होने का प्रमाण है .... नागरिक के प्रमाण के तौर पर आपके पास वोटर आईडी होना ज़रूरी है I यदि आधार कार्ड के आधार पर वोटर आईडी दिया जाता है तो वह गलत होगा I वोटर आईडी के लिए कानून में अलग शर्तें दी गयीं हैं I

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