विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्थान होते हैं I एक विश्वविद्यालय का वाईस चान्सलर कैसा हो इसके सम्बन्ध में राधाकृष्णन आयोग (१९४८), कोठारी आयोग (१९६४), ज्ञानं समिति (१९९०) एवं रामलाल समिति (१९९३) की रिपोर्ट्स महत्वपूर्ण हैं I सामान्य तौर पर वाईस चान्सलर विश्वविद्यालय का एकेडेमिक एवं प्रशासनिक हैड होता है I विश्वविद्यालय प्रमुख होने के नाते वी सी की मुख्य भूमिका विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी, प्रशासनिक एवं एकेडेमिक विंग के मध्य ब्रिज के समान होती है I इन.... तीनों के मध्य तालमेल रखना उसका मुख्य कर्तव्य है I कोठारी आयोग के मुताबिक़ ...."A Vice-chancellor should be a person with vision and (have) qualities of academic leadership with ability for administration. He should command high respect among all sections of the society."...... खैर आज बीएचयू ही नहीं ....तमाम अन्य विश्वविद्यालयों के वीसी इन योग्यताओं पर क्या खरे उतरते हैं ? .... अपवाद स्वरूप कोई उतरता भी है तो क्या उसे काम करने की उतनी आज़ादी मिलती है ख़ासकर तब कि जब विश्वविद्यालयों में ....कोई युवा बतौर छात्र नहीं ... बल्कि एबीवीपी, एनएसयूआई, आल इण्डिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन अथवा किसी अन्य राजनैतिक दल के कार्यकर्ता या सदस्य का आवरण ओढ़े पढ़ रहा हो ???? विचारिएगा I Total Pageviews
Monday, September 25, 2017
Qualifications of a Vice Chancellor
विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्थान होते हैं I एक विश्वविद्यालय का वाईस चान्सलर कैसा हो इसके सम्बन्ध में राधाकृष्णन आयोग (१९४८), कोठारी आयोग (१९६४), ज्ञानं समिति (१९९०) एवं रामलाल समिति (१९९३) की रिपोर्ट्स महत्वपूर्ण हैं I सामान्य तौर पर वाईस चान्सलर विश्वविद्यालय का एकेडेमिक एवं प्रशासनिक हैड होता है I विश्वविद्यालय प्रमुख होने के नाते वी सी की मुख्य भूमिका विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी, प्रशासनिक एवं एकेडेमिक विंग के मध्य ब्रिज के समान होती है I इन.... तीनों के मध्य तालमेल रखना उसका मुख्य कर्तव्य है I कोठारी आयोग के मुताबिक़ ...."A Vice-chancellor should be a person with vision and (have) qualities of academic leadership with ability for administration. He should command high respect among all sections of the society."...... खैर आज बीएचयू ही नहीं ....तमाम अन्य विश्वविद्यालयों के वीसी इन योग्यताओं पर क्या खरे उतरते हैं ? .... अपवाद स्वरूप कोई उतरता भी है तो क्या उसे काम करने की उतनी आज़ादी मिलती है ख़ासकर तब कि जब विश्वविद्यालयों में ....कोई युवा बतौर छात्र नहीं ... बल्कि एबीवीपी, एनएसयूआई, आल इण्डिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन अथवा किसी अन्य राजनैतिक दल के कार्यकर्ता या सदस्य का आवरण ओढ़े पढ़ रहा हो ???? विचारिएगा I
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