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Tuesday, October 4, 2016

सर्जिकल स्ट्राईक एवं सी एम केजरीवाल का बयान

पाकिस्तान यदि केजरीवाल के बयान के हवाले से सर्जिकल स्ट्राईक के न होने के दावे को भारत के सामने पुख्ता मानता है तो ये उसकी कमजोर कूटनीति ही कही जाएगी। केजरीवाल ने जिस बात को कही है वह बात भविष्य में उल्टे पाकिस्तान के दावे को ही कमजोर करेगी। टीवी न्यूज़ एवं सत्तापक्ष आज भले ही केजरीवाल को कोस रहे हों परंतु ये सब मात्र चुनावी हथकंडे हैं जिनका वजूद ज़्यादा समय तक नहीं रहता। ख़ैर. यहाँ सबको एक बात जरूर समझनी होगी कि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है यहाँ छोटे से छोटे कार्य को भी एक लम्बी कागज़ी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है.... क्या आप कल्पना कर सकते है कि सर्जिकल स्ट्राईक जैसा बड़ा महत्वपूर्ण कार्य बिना किसी प्रक्रिया एवं औपचारिकताओं को निभाये सेना ने अंजाम दे दिया होगा? जबकि देश में संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष होते हैं और उनका हेड राष्ट्रपति होता है इसके अलावा गृह मंत्रालय एवं रक्षा मंत्रालय भी होता है। तब दीगर बात होती कि सेना को अपनी मर्ज़ी से इसे अंजाम देने का अधिकार होता । .........
ख़ैर...... राजनीति के चलते पी एम मोदी पर खूब सन्देह कीजिये कौन रोकता है परंतु टीवी न्यूज़ चैनल्स तथा प्रिंट मीडिया के साथ साथ पाकिस्तान एवं यू एन को चाहिए कि वे सम्पूर्ण घटनाक्रम में से थोड़ी देर के लिए मोदीजी व भाजपा को अलग करके भी देखें..... तब उन्हें देश की जनता, संविधान, राष्ट्रपति, तीनों सेनाओं के अध्यक्ष, संसद, न्यायपालिका, प्रशासन आदि आदि भी नज़र आएँगे ... जिनके बिना यह देश अधूरा है। क्या सर्जिकल के लिए मोदी जी के साथ साथ इन सबको भी संदेहास्पद मानोगे ? ...... आज विडम्बना ये है कि देश में बिकाऊ एवं चापलूस टीवी न्यूज़ चैनल्स ने एक माहौल ऐसा खड़ा कर दिया है जिसमें सत्ता के नाम पर मोदी जी और विपक्ष के नाम पर केजरीवाल बस !!! बाक़ी Nothing more beyond this.... जबकि केजरीवाल का संसद से कोई लेना देना भी नहीं है। गौर करें तो यह रवैया एक प्रकार से सबको अपमानित महसूस करवाता है ।

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