राज्यसभा में लोकपाल बिल पारित हो गया। पिछले ४५ बरस की समस्या अचानक फुर्र हो गई। राजनीति के खेल भी अजीब होते हैं। सालभर पहले अन्ना ने जिस लोकपाल को लेकर अनशन किया जिससे केंद्र की सत्ता तक हिल गई थी तब लगता था अन्ना आगे हैं लोकपाल पीछे है परन्तु दिल्ली में जनता ने 'आप' पार्टी को जो सफलता दी उसने समस्त राजनैतिक दलों को जतला दिया कि अब वो जमाना नहीं रहा कि सत्ता सिर्फ पुराने जमे हुए राजनैतिक दलो में से ही किसी एक को मिलेगी। वास्तविकता में आप पार्टी को मिली सफलता के डर ने लोकपाल बिल को पारित करवाया है। ये बात शायद अन्ना भी समझते है इसीलिए आज चाहे अन्ना ने अनशन किया परन्तु लोकपाल के बिल को पारित होने का श्रेय उनके अनशन के बजाय आप पार्टी की सफलता के डर ने ले लिया है ऐसे मे एक समय अन्ना आगे थे लोकपाल पीछे था आज लोकपाल आगे है अन्ना पीछे। धन्यवाद।
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