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मेरी क़लम से..मेरे विचार.....
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Thursday, May 9, 2013
तुम्हारे आँसुओं की नमी
रोक न पाएगी इन ज़र्रों को
तुम कब तक यूँ रेत के
महल बनाते रहोगे।- प्रियदर्शन शास्त्री
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