mythoughts
मेरी क़लम से..मेरे विचार.....
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Monday, January 7, 2013
बागीचे में खड़ा, हँसू तो इतना हँसू कि कलियाँ खिल उठे, बहारें आ जाएँ,
रोऊँ तो इतना रोऊँ कि कि पौधों को पानी औ' नई जिंदगानी तो मिले |
-प्रियदर्शन शास्त्री
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