हरियाणा में बढ़ते नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार। चौटाला साहब (पूर्व मुख्यमंत्री) का तथाकथित विवादास्पद बयान। देश में फिर एक बार राजनीतिक बयानबाजी एवम् बहस का मुद्दा तैयार। मैं एक टीवी चैनल पर दिखाई जा रही रिपोर्ट को देख रहा था। लगा कोई हिन्दी मसाला फिल्म देख रहा हूँ। घटित घटना का बड़ी बारीक़ी से चित्रण किया जा रहा था। ख़याल आया कि क्या बलात्कार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना मुख्य मुद्दा है या चौटाला साहब का बयान। ज़रा ध्यान दीजिये हमारे राजनेता किस प्रकार से देश का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटा देते हैं। हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही बलात्कार की घटनाओं के प्रति नेतागण गंभीर होते तो शायद आज बहुत ही कम मात्रा में बलात्कार की घटनाएं घटित होतीं। श्रीमती सोनिया गाँधी खुद महिला हैं शायद उन्हें बलात्कार से अधिक हुड्डा साहब की सरकार की चिंता रही होगी। हमारे देश में ये बड़ी ही विडंबना है कि बलात्कारी की सज़ा फांसी कर देने की बात तो कही जाती है पर बलात्कार जैसी बढ़ती घटनाओं को क़ानून एवम् व्यवस्था की विफलता मान कर राज्य में संवैधानिक संकट नहीं माना जाता है। बलात्कार के लिए जितना एक अपराधी उत्तरदायी है उतनी ही सरकार भी जिम्मेदार है। महिलाओं के प्रति हम यदि संवेदन शील होते तो शायद आज हरियाणा में राष्ट्रपति शासन नहीं तो कम से कम मुख्यमंत्री की विफलता मानकर उन्हें पद से हटा दिया जाता। धन्यवाद | - प्रियदर्शन शास्त्री
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