सुमन कल्याणपुर |
दुनिया में कुछ लोग होते हैं जिनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती है बल्कि उनसे सभी की तुलना की जाती है उन्हीं लोगों में से एक हैं लताजी ! यानि लता मंगेशकर । भारतीय फिल्म संगीत में लता जी की आवाज का कोई सानी नहीं है। एक नाम और है जिसकी आवाज में वही खनक एवं मधुरता है जो लता जी की आवाज़ में है। वो नाम है सुमन कल्याणपुर। बहुत कम लोग पहचान पाते हैं कि जो गीत वो लता जी का गाया समझ कर सुन रहे हैं वो असल में सुमन जी का गाया हुआ होता है। ऐसा ही एक गीत है "ना तुम हमें जानो ना हम तुम्हें जाने" फिल्म बात एक रात की का है इसके संगीत कार सचिन दा हैं। सुमन जी के गाए कुछ और गीत हैं -छोडो मोरी बइयां, मेरे महबूब न जा, बहना ने भाई की कलाई पे प्यार बांधा है आदि । फिल्म ब्रम्हचारी के एक गीत "आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर ज़बान पर " में तो संदेह हो जाता है कि रफ़ी साहब के साथ लता जी हैं पर ये गीत सुमन जी का गाया हुआ है। सुमन जी ने सन 1954 से फिल्मों में गायन आरम्भ किया था तथा करीब 740 से अधिक गीत गाए है। खैर जो भी हो परन्तु आवाज़ की दृष्टि से लता जी के समान यदि किसी ने आवाज़ पाई है तो वो है सुमन कल्याणपुर। धन्यवाद।
-Priyadarshan Shastri
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