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Thursday, September 27, 2012

'घरेलू'

     हम शब्दों को बना तो लेते हैं परंतु उनका 'विलोम' मिलना मुश्किल हो जाता है | एक सज्जन जो हमारे रिश्तेदार भी हैं, सुबह सुबह वाकिंग करते मिल गए साथ में उनका सुपुत्र भी था जो कान में ब्ल्यूटूथ की डांडली लगाए बार बार फुदक रहा था। आजकल जॉगिंग का ये एक नया तरीक़ा है। खैर बालक तो फुदकता-उचकता वहाँ से आगे चला गया, बाद में सज्जन हमसे बोले -"यार कोई 'घरेलू' लड़की तो दिखाओ जो घर के काम-काज में माहिर हो।" हमने कहा- "है एक हमारी निगाह में, बहुत अच्छी है, घर के काम- काज में एकदम माहिर।" यह सुन कर वे तपाक से बोले -"यार जल्दी से हमें वहां ले चलो, वैसे वो रहती कहा हैं तथा उसके माता-पिता कौन हैं ? हमने कहा "यहीं पास की झुग्गी झोंपड़ी से रोज सुबह हमारे घर सात बजे आती है और दो घंटे में पूरे घर का काम निपटा कर चली जाती है।" वे सज्जन चिढ़ गए बोले " भाई साहब ! हम हमारे घर के लिए बहू लाने की बात कर रहे हैं और आप हैं कि काम वाली बाई बता रहे हैं।" हमने कहा- "हम समझे नहीं ?" सज्जन बोले - ऐसा है कि अपने छोटे लड़के के लिए एक बहू लानी है इसलिए कोई ऐसी लड़की देख रहे हैं जो घर के काम-काज में माहिर तथा सुशील हो एवं अपने सास ससुर की सेवा भी कर सके। इसलिए ब्याह के लिए हम कोई 'घरेलू' लड़की देख रहे हैं | हमने उनसे माफी माँगी और उनके साथ-साथ आगे बढ़ गए | आगे तो बढ़ गए परंतु रास्ते भर 'घरेलू' शब्द का मायना ढूढ़ते रहे। 'घरेलू' शब्द का विलोम तो 'कामकाजी' होता है। अब किसी महिला या लड़की का 'कामकाजी' या 'घरेलू' में विभाजन, हमें कुछ अजीब सा लगा। खैर इतने में सज्जन का घर आ गया था। वे चाय पीने हमें अन्दर ले गए। थोड़ी देर में थकी थकी सी, घुटनों तक गीली साडी का पल्लू कमर में खोंसे, सर पर छः इंच का घूँघट निकाले एक छब्बीस- सत्ताईस वर्षीय महिला हमारे सामने चाय लिए खड़ी थी। सज्जन  बोले- ये हमारी बड़ी बहू है। हमने पूछा- "घरेलू ?" बड़े गर्व से उनका जवाब था 'हाँ।' उसे देख कर हमें घरेलू शब्द का मायना समझ में आ गया था। हमें सज्जन की मानसिकता पर शर्म आ गई। ऊपर से नीचे तक महिला की हालत देखकर हमने सज्जन से कहा - भाई साहब- ठीक है हमारी परंपरा और सामाजिक व्यवस्था के अनुसार एक 'बिटिया' को अपने पति के घर में रहना पड़ता है परन्तु कम से कम किसी की बिटिया को बहू शब्द की आड़ में काम वाली बाई तो मत बनाईये ?
      चंद सवाल आप से भी -"क्या आप भी अपनी बहुओं का वर्गीकरण इन शब्दों के साथ इस तरह से करना चाहेंगे ? एक बात। दूसरी -क्या आप अपनी  "बिटिया" पर "बहु"  बनने के लिए 'घरेलु' होने का ठप्पा लगने देना पसंद करेंगे ? धन्यवाद।
-Priyadarshan Shastri 

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