कल पी चिदंबरम साहब बड़े मज़ाक के मूड में थे | दिल खुश था | एक तो बरसात आ गई दूसरी तरफ सलमान भाई एक बयान देकर फँस गए | वे मन ही मन गा रहे थे " ओ मुझे खुशी मिली इतनी कि मन मे न समाए पलक बंद कर लूँ कहीं छलक ही न जाए..." | कल एक प्रवचन में जगतगुरू कृपालु जी महाराज ने कहा था कि भगवान भी विनोद करते हैं इसलिए चिदंबरम साहब ने भी ग़रीबों से कुछ मनो-विनोद कर लिया | खुशी खुशी दाल चावल पर एक रुपया बढ़ाने की बात कर डाली | अब देखिए न आप आइसक्रीम पर २०/- उड़ा देते हैं, एक सड़े से पीने के पानी की बोतल के १५/- खर्च कर देते हैं तो फिर चिदंबरम साहब को दाल-चावल पर १/- देने में क्या तकलीफ़ | भाई ! ३५ लाख रुपये के टॉयलेट की इज़्ज़त का भी ख़याल है कि नहीं आपको ? सस्ती सस्ती चीज़े खाकर जाओगे तो बदबू आएगी, थोडा तो सोचा करो !......... सोचो..सोचो ! धन्यवाद |
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