पिछले दिनों स्वामी अग्निवेश बिग-बॉस के घर के अंदर जा कर सकुशल वापस बाहर आ गये | अंदर वे क्या करने गये थे? ये सवाल तो सबके लिए एक अनबूझ पहेली की तरह है | इसका जवाब तो स्वामीजी ही दे सकते हैं | वे एक स्वामी हैं, संत हैं ये देख कर हम तो सिर्फ़ अंदाज़ा लगा सकते हैं कि शायद वे शांति की तलाश में वहाँ गये हों | हो सकता है, पक्के से नहीं कह सकते| ऐसा अंदाज लगाने के पीछे कारण भी है | समाज सेवी अन्ना हज़ारे का साथ छोड़ने के बाद वे काफ़ी विवाद में उलझ गये थे | स्वाभाविक है मन तो अशांत होना ही था | उनके लिए सारे संसार में बिग- बॉस के घर के अलावा ऐसा कोई स्थान शेष नहीं बचा था जहाँ शांति प्राप्त की जा सकती थी | स्वामी जी ने कहा भी था कि सारे देश का प्रतिनिधित्व करने वाली संसद के लोगों से तो बिग-बॉस के अंदर के लोग ज़्यादा अच्छे हैं | खैर जो भी हो, एक बात तो देखने में आई कि स्वामी जी के गृह प्रवेश के साथ ही 'घर' के अंदर का माहौल एकदम बदल गया था | यह बदलाव तब तक क़ायम रहा जब तक स्वामीजी के क़दम घर की दहलीज से बाहर नहीं पड़ गये | बिग-बॉस के घर के नियम के अनुसार एक बार बाहर क़दम रखने के बाद पीछे मुड़कर देखना मना है | अच्छा है, देख लेते तो स्वामी जी का दिल टूट जाता |
बिग-बॉस का घर भी अजीब जगह है | नश्वर संसार की तरह दिखाई देता है | यहाँ राग है, द्वेष है, ईर्ष्या है, प्रेम है, यानी वो सब है जो बिग-बॉस के घर के बाहर भी हैं | क्या ये बात स्वामीजी को पता नहीं थी ? ये तो घर के अंदर के लोगों का धन्यवाद करना होगा कि उन्होंने स्वामीजी को घर के बाहर सकुशल भेज दिया | कम से कम उन्हें तो इस बात का ख़याल था की स्वामीजी एक संत हैं | धन्यवाद |
-प्रियदर्शन शास्त्री
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