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Tuesday, November 8, 2011

Amitabh Bachhan on K. B. C.

प्रिय पाठक, 
         कल के के. बी. सी. के एपीसोड के अंत में एक गीत बजाया गया 'सौ साल पहले मुझे तुमसे प्यार था, आज भी है और कल भी रहेगा |' बहुत अच्छा लगा | गीत की पंक्तियों के आधार पर दर्शकों की ओर मुखातिब होकर श्री बच्चन सा. ने कहा कि हमारा प्यार सौ साल पहले वाला है न कि झलक दिखला जा वाला | यह प्यार हमेशा आगे भी चलता रहेगा | 
         यहाँ बच्चन सा. का 'प्यार' से अभिप्राय भारत की जनता से मिले सम्मान एवम् स्नेह से था | यह बात परम सत्य है उनकी पहली हिट फिल्म 'जंजीर' से जो दर्शकों के प्यार एवम् सम्मान का सिलसिला आरम्भ हुआ वो आज भी जारी है, और आगे भी चलता रहेगा | हमारे देश में जितना सम्मान तथा स्नेह जनता ने बच्चन सा. को दिया है वह शायद ही भारतीय फिल्म जगत में किसी और को मिला हो | यह बच्चन सा. के व्यक्तित्व का ही कमाल है | उनके अंदर का 'देशी' होने का चरित्र ही हर वर्ग के व्यक्ति को उनकी ओर ओर खींच लेता है | 
         ट्विटर पर ६-११-२०११ को बच्चन सा. ने के. बी. सी. में एक शब्द के प्रयोग के संबंध में एक दर्शक के सवाल के जवाब में कहा था कि वे मात्र एक एंकर की भूमिका में होते हैं तथा कार्यक्रम की रीति एवम् नियमों के तहत अपने कार्य को अंजाम देते हैं जैसे वे किसी फिल्म की भूमिका में एक्टिंग करने के लिए कर रहे हों | यह बात बच्चन सा. के दृष्टिकोण से सही है | परंतु कल के के. बी. सी. के एपीसोड को देखने के बाद एक सवाल दिमाग़ में आया कि 'क्या दर्शकों के प्यार वाली बात जो अंत में उन्होंने कही वो ट्विटार पर कही बात के अनुसार उनके एक्टिंग का भाग थी ? इसका जवाब तो बच्चन सा. ही दे सकते हैं | एक बात उल्लेखनीय है बच्चन सा. एवम् भारतीय दर्शकों के मध्य के 'प्यार' ने ही के. बी. सी. को इतनी ऊँचाइयाँ दी हैं | यह विडंबना ही है कि बच्चन सा. को तो के. बी. सी. के मंच पर एक्टिंग करनी पड़ती है | परंतु मैं कहना चाहूँगा कि दर्शक कभी देखने की एक्टिंग कर सकने में सक्षम नहीं होते | धन्यवाद | 
-प्रियदर्शन शास्त्री

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