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Saturday, February 17, 2018

टैक्सेबल इनकम

टैक्सेबल इनकम क्या होनी चाहिए ....इसे सही तरीक़े से परिभाषित किया जाना चाहिए I ....कमाई का उपयोग किस कार्य एवं उद्देश्य के लिए किया जा रहा है उसे भी देखा जाना चाहिए ....I वर्तमान में २५००००/- पर जो छूट है यह .....छूट का आधार कमाई की मात्रा है I जबकि यह उचित आधार नहीं कहा जा सकता है .....I ....."टैक्सेबल इनकम" की परिभाषा का आधार कमाई की मात्रा नहीं बल्कि कार्य की प्रकृति होनी चाहिए ..... I ...कार्यों का विभाजन होना चाहिए - १- टैक्सेबल कार्य और २- नॉन टैक्सेबल कार्य .....फ़िर चाहे कमाई की मात्रा कुछ भी हो I....इसी प्रकार खर्च भी दो श्रेणियों में विभाजित होने चाहियें .....१- टैक्सेबल और २- नॉन टैक्सेबल i ....यहाँ नियम पक्का एवं कड़ा होना चाहिए कि ....यदि नॉन टैक्सेबल कमाई से यदि टैक्सेबल खर्च किया जाता है तो कमाई टैक्सेबल मानी जानी चाहिए ....और यदि टैक्सेबल कमाई से खर्च नॉन टैक्सेबल किया गया है तो छूट मिलनी चाहिए .....ये सब बाद की बातें हैं I मूल बात है .... "टैक्सेबल कमाई" का आधार मात्रा होने के बजाय कार्य एवं खर्च का मक़सद होना चाहिए क्योंकि एक बात हमेशा ध्यान रहे कि कुछ कार्यों में खून पसीने की कमाई होती है तो कुछ में हींग लगे न फिटकरी वाली बात होती है I

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