रेल्वे स्टेशन पर एक भिखारी बड़े जोर ज़ोर से गाना गा भीख माँग रहा था "ढिंक चिका...ढिंक चिका...ढिंक चिका ए ए ए .......। वह बार बार बस एक ही लाइन को दोहरा रहा था। हमने उससे कहा भाई ! तू गीत के मुखड़े का सिर्फ पिछवाडा गा रहा है, अगवाडा भी तो गा ! भिखारी बोला- "बाबूजी ! धन्धे का टेम है मजाक ना करियो, अगवाडा तो हम कब का गा चुके हैं। अब तो सिर्फ पिछवाडा गाने की बारी है।" एकबारगी तो भिखारी बात समझ में नहीं आई परन्तु हम ठहरे शब्दों के पारखी ज्यादा देर नहीं लगी। एक सज्जन जो पास ही खड़े थे मुँह बिगाड़ कर बोले - भाई साहब ! कैसे कैसे गाने आ गए हैं जिनका न कोई अर्थ है न कोई भाव। हमने कहा- भाई ये गीत तो बड़ा सारगर्भित है ये अलग बात है कि अर्थ पकड़ने की पारखी निगाह होनी चाहिए। सज्जन हमारी बात सुन चिढ़ गए बोले - अच्छा बताइये तो इस गीत में क्या खास है ? हमने सज्जन को ऊपर से नीचे तक देखा और पूछा- जीवन के उत्तरार्द्ध एवं पूर्वार्द्ध को समझते हैं आप? सज्जन बोले- समझते हैं पर इसका इस गीत से क्या सम्बन्ध ? हमने उन्हें आगे समझाया - देखो भाई यह गीत भी जीवन की तरह दो भागों में बंटा हुआ है। बारह महीने तथा बारह तरीक़े तक तो गीत का पूर्वार्द्ध है। ढिंक चिका ...ढिंक चिका ए ए ए .....उत्तरार्द्ध। सज्जन फिर भी हमारी तरफ प्रश्न भरी निगाह से देख रहे थे। "आइये ! आपको कुछ विस्तार से बताते हैं- देखिये जीवन का पूर्वार्द्ध बड़ा ही आसान होता है। जिसमें बचपना होता है; निश्चिन्त सा स्वछन्द, माता-पिता के भरोसे, न घर का टेन्शन न गृहस्थी का झंझट। फिर किशोरावस्था आती है। कल्पनाओं की ऊँची ऊँची उड़ाने। इन्हीं उड़ानों के बीच न जाने कब बारह महीने आ जाते हैं। जीवन मयखाने सा लगता है। नशे की खुमारी में प्यार जतलाने के बारह तरीके समाप्त हो जाते हैं पता ही नहीं चलता है। हम कहते कहते न जाने कहाँ गुम हो गए। "फिर क्या हुआ ?" सज्जन ने पूछा। हमें लगा फिल्म नटवरलाल में बच्चन साहब के गीत "मेरे पास आवो" में का बच्चा हमारे सामने आ गया है और पूछ रहा है। खैर, हमने सज्जन से कहा- "फिर क्या होना है ?" समाप्त हो गया जीवन का पूर्वार्द्ध। अब तो उत्तरार्द्ध की बारी है। हम आगे कुछ कहते उससे पूर्व ही सज्जन बोल पड़े भाई साहब ! जीवन के उत्तरार्द्ध को समझाने की आवश्यकता नहीं है। हम समझ गए। हमें सज्जन की आँखों में एक अजीब सी चमक दिखाई देने लगी थी। उन्हें हर शख्स जीवन के हर क़दम पर "ढिंक चिका ढिंक चिका ए ए ए ......." का नर्तन करता दिखाई दे रहा था। धन्यवाद।
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