mythoughts
मेरी क़लम से..मेरे विचार.....
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Friday, December 21, 2012
मैं पीयूं तो 'वो' नाराज़, मैं न पीयूं तो मयखाना नाराज़,
या खुदा ! नाराज़गी का आलम कुछ इस क़दर है,
कि अब तू ही बता किससे शिक़ायत करूँ,
गर तुझसे करूँ तो ये जहाँ नाराज़। - प्रियदर्शन शास्त्री
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