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पंडित रविशंकर |
कल प्रसिद्ध सितारवादक पंडित रविशंकर नहीं रहे। उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि। अक्सर ये कहा जाता है कि ऐसे कलाकार मुश्किल से पैदा होते हैं।हालाँकि ये बात कुछ हद तक सही है परंतु हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि जिस देश में सौ करोड़ से अधिक की आबादी है वहाँ कलाकारों की कमी नहीं है। हमारा देश साहित्य, संगीत एवम् कला से परिपूर्ण है। सवाल बस इन हुनरमंदों को पहचान देने की है। जितने भी महान कलाकार हुए हैं उन्हें गुज़री सदियों के लोगों ने प्रोत्साहन दिया है | उन कलाकारों की साधना तथा उस साधना एवम् संघर्ष की लोगों के द्वारा पूजा, दोनों ने मिलकर इस देश को कई महान कलाकार दिए हैं जिनके चले जाने पर हम अक्सर सूनापन महसूस करते हैं।
आज पाश्चात्य संगीत से प्रभावित मिमियाते गायकों को देख कर भ्रम होने लगता है कि हमारी कला कहीं समाप्त हो रही है परन्तु मेरे दृष्टिकोण में हमारी कला तथा हमारा साहित्य जिस उच्च स्थान रहे हैं वे आज भी उसी स्थान पर हैं, हम लोग उन्हें पहचान एवं मान्यता नहीं दे पा रहे हैं। आज सवाल उनकी मान्यता एवं प्रोत्साहन की है ।
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