हमारे देश में दो सलमान भाई हैं, एक सरकारी तो दूसरे फिल्मी। एक पर सत्ता सत्ता का चश्मा चढ़ा हुआ है तो दूसरे पर अभिनय का भूत सवार है। खैर कल भारत बंद था। हम सरकारी सलमान भाई को बंद दिखाने बाज़ार ले गए। बाज़ार में जैसे ही पहुँचे वे बोले "कहाँ है बंद ?" हमने अपना हाथ चारों तरफ घुमा कर कहा ये रहा 'बंद | सलमान भाई बोले "हमें तो कहीं दिखाई नहीं देता बंद |" हमने कहा ये देखिए 'चंपक चाचा की बंद किराने की दुकान !' सलमान भाई बोले 'अरे ! ये तो चाचा की आज तबीयत खराब है इसलिए दुकान बंद है |' हमने एक दूसरी दुकान बताते हुए कहा 'ये देखो ! मोहन सुथार का कारखाना भी बंद है' सलमान भाई बोले 'भाई आज मोहन सुथार की बेटी का ब्याह है इस कारण आज कारखाना बंद रखा है |' हम आगे बढ़ गए| सामने आरिफ़ भाई की पंसारी की दुकान बंद पड़ी थी हमने उन्हें वो दुकान दिखाई पर सलमान भाई ने बताया कि आज आरिफ़ भाई शहर से बाहर सामान लेने गए हैं | और आगे बढ़े तो गंगू तेली की मिठाई की दुकान का शटर ढलका पड़ा था हम बताते उससे पहले ही सलमान भाई चहक कर बोल पड़े 'अरे इसकी तो आज माई मार गई है सुबह ही इसके अंतिम संस्कार में जा कर आया हूँ । हमें लगा जिसकी आँखों पर सत्ता के मद का चश्मा चढ़ा हो उसे तो सब कुछ बंद होते हुए भी सब कुछ खुला ही दिखाई देगा | धन्यवाद।
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