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Monday, August 20, 2012

क्या महँगाई से किसानों को फायदा होगा ?


एक ग़रीब आदमी घर में हुए ख़टमालों से अत्यंत परेशान था | एक दिन उसका घर आग में जल गया | बेचारा आदमी क्या करता ? उसने समाधान पा लिया कि चलो ख़टमालों से तो छुटकारा मिला ! माननीय बेनी प्रसाद जी का बयान भी बढ़ी हुई महंगाई में कुछ इसी प्रकार का समाधान ढूँढने का प्रयास मात्र है कि चलो महँगाई से किसानों को तो फायदा होगा | सवाल यहाँ महँगाई बढ़ाकर कर किसानों को लाभ पहुँचाने का है या महँगाई से परेशान लोगों को दिलासा देने का है ? मेरी राय में किसानों का फायदा महँगाई से नहीं बल्कि उत्पादन में वृद्धि करने से अधिक होगा है | आज सरकार कृषि क्षैत्र के विकास में पूरी तरह से विफल हुई है | अगर देश को वास्तविक तरक़्क़ी की राह पर ले जाना है तो कृषि का विकास करना होगा | सरकारी बयानों से लगता है कि उन्हें किसानों की धरातलीय स्थिति का ज़रा भी ज्ञान नहीं है | अनाज हो चाहे दलहन, मामूली दामों पर किसानों के खेत से उठते हैं | इसका सीधा कारण किसानों की माली हालत खराब होना है | साल भर कर्ज़ में डूबा किसान फसल आने पर मजबूरी में व्यापारी के हाथों मामूली दामों में बेच देता है | बढ़ी महँगाई का सीधा फायदा व्यापारी वर्ग को मिलता है | आज खेत से १५-२० रुपये किलो में उठी दलहन बाजार में आम आदमी के हाथों में आते आते ७० से ८० रुपये हो जाती है | अब आप स्वयं देख सकते हैं कि महँगाई का लाभ सिर्फ़ व्यापारियों को हो रहा है न कि किसानों को | धन्यवाद |
-Priyadarshan Shastri 

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