कोई भी बाबा या संत ज्ञानी हो सकता है परंतु वो न तो अंतर्यामी हो सकता है न ही चमत्कारी | आशीर्वाद तो आपके अपने बड़ों के भी उतने ही असरकारक होते हैं जितने एक बाबा या संत के | कृपा, बरकत ये सब आपके अपने कर्मों का फल है | यदि आपने लगन, मेहनत के साथ और सही दिशा में कर्म किया है तो उसका अच्छा परिणाम आपको ज़रूर मिलेगा | कोई बाबा अपने आप को चमत्कारी या अंतर्यामी बताता है तो वो उसका कमाल नहीं है बल्कि आपकी मूर्खता होती है | ज़रा सोचिए कि क्या भगवान अपनी शक्तियों को इंसान को देकर ग़लती करेगा ? ईश्वर, भगवान या खुदा जो इस जगत का निर्माता है क्या वो आपकी तुच्छ भेंट का मोहताज है ? लाल चड्डी पहनने से या हरा रुमाल जेब में रख लेने से या फिर पर्स खुला रखने से बरकत नहीं आती | बरकत तो आपके अंदर ही है जिसे आप स्वयं बाहर लाएँगे | आत्मविश्वास रखिए | आप एक बुद्धिमान देश के बुद्धिमान नागरिक हैं ज़रा दिमाग़ से काम लें | धन्यवाद |
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