भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जी की रथ यात्रा आरम्भ हो गई है. इसका उद्देश्य उनके अनुसार भ्रष्टाचार, स्वच्छ प्रशासन एवं स्वच्छ राजनीति के प्रति लोगों को जागृत करना है. मेरे मन में एक प्रश्न है कि क्या वाकई लोगों को जागृत करने की आवश्यकता रह गई है? मुझे लगता है आजादी के बाद से लेकर आज तक हमारे देश कि जनता उक्त तीनों बातों को लेकर काफी त्रस्त हो चुकी है. इसके आलावा हाल ही में अन्ना हजारे जी ने सारे देश में एक बहुत बड़ा आन्दोलन चलाया जो अभी जारी है. इन सब के कारण जनता पूर्णरूप से जागरूक हो चुकी है. राजनीतिक दलों एवं नेताओं द्वारा इस प्रकार की रैलियां, सभाएं तथा यात्राएं आयोजित करने के पीछे के उद्देश्य को जनता अच्छी तरह से जानती है तथा समझती है. इन सभी का आयोजन जले पर नमक छिडकने जैसा है.
मेरा मानना है कि जनता आडवाणी जी के उद्देश्य से भी भलीभांति परिचित है. प्रधानमंत्री पद की मृगमरीचिका के पीछे भागने के बजाय यदि उनका प्रयास भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, स्वच्छ प्रशासन एवं स्वच्छ राजनीति देने की ओर हो तो ज्यादा लाभदायक होगा. एक राजनीतिक व्यक्ति होने के नाते यह उनका यह कर्तव्य भी है. जनता को जागृत करने का काम अन्ना जैसे समाजसेवी के लिए छोड़ देना चाहिए. आडवाणी जी एक वरिष्ठ एवं ईमानदार नेता हैं इस नाते उनकी इस दिशा में लड़ी गई लड़ाई उनके लिए एक सही कदम होगा. उनकी सफलता पर जनता अपने आप उन्हें प्रधानमंत्री पद तोहफे में देगी.
yes it is true. it is his duty to provide corruption free system, good governance & clean politics.
ReplyDeleteI like your thoughts. Keep it up.
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